(फोटो: सोशल मीडिया)
फिल्म त्रिभंगा (Tribhanga) में एक परिवार के तीन पीढ़ियों की कहानी है जिसमें मां और बेटी के बीच उलझते-सुलझते रिश्तों को दिखाया गया है. आपको बता दें कि फिल्म में काजोल (Kajol) के अलावा मिथिला पालकर (Mithila Palkar) और तन्वी आजमी (Tanvi Azmi) मुख्य भूमिका में हैं. कुणाल रॉय कपूर भी फिल्म का हिस्सा हैं.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 15, 2021, 6:48 PM IST
कास्ट: काजोल, मिथिला पालकर, तन्वी आजमी, कुणाल रॉय कपूर
निर्देशक: रेणुका शहाणे
मां-बेटी के संबंधों पर आधारित फिल्म ‘त्रिभंगा’ (Tribhanga) नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो चुकी है. फिल्म के रिलीज होते ही इसे क्रिटिक के अलावा जनता से भी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. ये फिल्म एक परिवार के तीन पीढ़ियों की कहानी है जिसमें मां और बेटी के बीच उलझते-सुलझते रिश्तों को दिखाया गया है. आपको बता दें कि फिल्म में काजोल (Kajol) के अलावा मिथिला पालकर (Mithila Palkar) और तन्वी आजमी (Tanvi Azmi) मुख्य भूमिका में हैं. कुणाल रॉय कपूर भी फिल्म का हिस्सा हैं.क्या है फिल्म की कहानी?
तन्वी आजमी (नयनतारा आप्टे) एक लेखिका का किरदार निभा रही हैं वहीं काजोल (अनुराधा आप्टे) उनकी बेटी हैं जो एक ओडिशी डांसर हैं. नयनतारा और अनुराधा को फिल्म में ऐसी महिलाओं के तौर पर दिखाया गया है जो अपनी शर्तों पर अपना जीवन जीती हैं. जिसके चलते दोनों के रिश्तों में दरार है. फिल्म में नयनतारा अपनी जीवनी लिखना चाहती हैं और मिलन उपाध्याय यानी कुणाल रॉय कपूर उन्हें वो लिखने में मदद करते हैं. मिलन के साथ इंटरव्यू के दौरान वो बेहोश हो जाती हैं जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. उनका पूरा परिवार अस्पताल में जुटता है जहां वो कोमा में हैं. दूसरी ओर अनुराधा एक रूसी शख्स के साथ लिविन इन में रहती हैं और उनके इस रिश्ते से काजोल की एक बेटी होती है. काजोल की बेटी माशा का किरदार मिथिला ने निभाया है.
काजोल उस रूसी लड़के से शादी नहीं करतीं मगर बेटी को जन्म देती हैं. काजोल और तन्वी के किरदार से निर्देशन रेणुका ने महिलाओं के प्रति समाज में बनी कई रूढ़िवादी सोच को इस फिल्म से खत्म करने की कोशिश की है. काजोल, तन्वी के बिखरते रिश्तों को देखते हुए मिथिला अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहती हैं. बस इन्हीं तीनों की कहानी और उनके जीवन में घट रही चीजों के बीच ये फिल्म घूमती है. रेणुका शहाणे ने इस फिल्म से ये भी दिखाने की कोशिश की है कि महिलाएं भी अपनी मर्जी से अपना जीवन जी सकती हैं. उन्हें किसी भी तरह के बंधन में बांधना ठीक नहीं होगा.
अगर एक्टिंग की बात करें तो इस फिल्म में तीनों लीड एक्ट्रेसेज ने कमाल का अभिनय किया है मगर काजोल के अभिनय पर ही पूरी फिल्म टिकी हुई सी लगती है. फिल्म में काजोल का किरदार और उनका अभिनय ऐसा है जिसे आपने पहले उनकी किसी दूसरी फिल्म में नहीं देखा होगा. रेणुका शहाणे ने इस फिल्म से अपने निर्देशन करियर की शुरुआत की है. पहली ही फिल्म से उन्होंने निर्देशक के तौर पर अपने नजरिए को बखूबी दर्शाया है.